चीन में फैल रही ये रहस्यमयी बीमारी कितनी ज्यादा है खतरनाक, क्या भारत पर भी दिखेगा इसका असर? जानें WHO ने क्या कहा
कोरोना जैसी खतरनाक महामारी के बाद अब चीन में एक और रहस्यमयी बीमारी बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है. डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी गाइडलाइन में लोगों से अलर्ट रहने और सावधानी बरतने की अपील की गई है.
निमोनिया फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण होने वाला एक संक्रमण है.
निमोनिया फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण होने वाला एक संक्रमण है.
कोरोना जैसी खतरनाक महामारी के बाद अब चीन में एक और रहस्यमयी बीमारी बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. चीन में निमोनिया के शिकार बच्चों से अस्पताल भरे पड़े हैं. संक्रमितों की संख्या हजारों में पहुंच गई है. बच्चों में इस रहस्यमयी बीमारी निमोनिया के लक्षण जैसे फेफड़ों में सूजन, सांस लेने में दिक्कत के साथ ही खांसी और तेज बुखार दिखाई दे रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है. डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी गाइडलाइन में लोगों से अलर्ट रहने और सावधानी बरतने की अपील की गई है.
नवंबर माह की शुरुआत के साथ ही चीन में अचानक रहस्यमयी निमोनिया ने पांव पसारने शुरू कर दिए थे. 13 नवंबर को चीनी अधिकारियों को इसे लेकर स्पष्टीकरण देना पड़ा था. हालांकि उन्होंने इसे सिर्फ सांस लेने में समस्या होने संबंधी बीमारी बताई थी. WHO ने बताया कि, 21 नवंबर को अचानक मामलों में तेजी आई और खास तौर से उत्तरी चीन इससे प्रभावित हुआ तो चीन ने माना कि ये निमोनिया ही है जो लोगों को शिकार बना रहा है.
क्या है ये वायरस?
निमोनिया फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण होने वाला एक संक्रमण है. निमोनिया के कारण फेफड़े के ऊतकों में सूजन हो जाती है और फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद पैदा हो सकता है. इस संक्रमण का सामना बच्चों और बूढ़े लोगों को ज्यादा करना पड़ता है और इससे जान जाने का खतरा भी बना रहता है. निमोनिया के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं. 2022 में आई WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एशियाई और अफ्रीकी देशों में इस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है.
चीन में फैलने वाले निमोनिया के लक्षण
- बच्चों को फेफड़ों में दर्द
- तेज बुखार आना
- सांस लेने में परेशानी
- फेफड़ों में सूजन
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भारत पर इसका असर
यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि भारत में इस वायरस के फैलने का खतरा काफी कम है. इसके बावजूद मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, 'चीन से रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा मामले के साथ-साथ सांस संबंधी बीमारी के समूहों से भारत को कम जोखिम है.' इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत चीन में फैले इस खतरनाक वायरस से उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है.
निमोनिया वायरस को लेकर WHO ने कुछ गाइडलाइन जारी की हैं. इस गाइडलाइंस में लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है. साथ ही, लोगों से यह भी कहा गया है कि वह साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और शरीर में कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
04:04 PM IST